काही मराठी कविता (संग्रह)
कवितेविना जगणे | व्यर्थ ते जिणे | रुक्ष शुष्क झडणे| फुलल्यावाचून || ..
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कवितेसाठी कविता
शनिवार, २२ डिसेंबर, २०१२
जगी या खास वेड्यांचा पसारा
शिवाजी फोन्ट
jagaI yaa Kasa vaoD\yaaMcaa psaara maajalaa saara
gamao yaa Ba`aMt saMsaarIM Qa`uvaacaa
'
vaoD
'
ha tara
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Qa`R.
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kuNaalaa vaoD knakacaoM kuNaalaa kaimanaI jaacao
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Ba`maanaoM rajasa<aocyaa kuNaacaoM ica<a toM naacao
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1
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kuNaalaa dova bahkavaI kuNaalaa doXa caL laavaI
kuNaacaI najar Qamaa-cyaa inaXaonaoM QauMdlaI BaarI
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2
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AXaa yaa ivaivaQa rMgaacyaa ipXaacyaa lahrbahrIMnaIM
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durMgaI dIna duinayaocaI javaanaI rMgalaI saarI
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3
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