काही मराठी कविता (संग्रह)
कवितेविना जगणे | व्यर्थ ते जिणे | रुक्ष शुष्क झडणे| फुलल्यावाचून || ..
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कविता
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कवितेसाठी कविता
शनिवार, २२ डिसेंबर, २०१२
कुणी जाल का सांगाल का
kuNaI jaala ka saaMgaala ka (a kÜikLa
ra~I trI gaavaU nakÜ... ÔulavaU nakÜ Aapulaa gaLa
kuNaI jaala ka saaMgaala ka
AaiQaca saMQyaakaLcaI barsaat Aaho laaMbalaI
AaiQaca saMQyaakaLcaI barsaat Aaho laaMbalaI
[t@yaat yaota vaajalaI BalatI ivajaocaI pavaulao..
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